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‘ब्लॉग शिरोमणि’ पुरस्कार सितम्बर’ 13 : एक अपेक्षित स्पष्टीकरण
— संतलाल करुण
मुझे आश्चर्य है कि ‘जागरण जंक्शन’ की ओर से अभी तक कोई सपष्टीकरण क्यों नहीं आया | 30 अगस्त, 2013 को ‘Hindi Diwas Contest : ब्लॉग शिरोमणि प्रतियोगिता’ के आरम्भ की घोषणा हुई थी और उक्त प्रतियोगिता की प्रतिभागिता में मैंने अपने ब्लॉग ‘अंतर्नाद’ के माध्यम से कुछ आलेख विगत सितम्बर में पोस्ट किये थे, जिनमें से ‘हिन्दी ब्लॉगिंग : नए दौर में सोशल नेट्वर्किंग की आलेखमुखी विधा’ का चयन करते हुए 11 अक्टूबर, 2013 को मुझे ‘ब्लॉग शिरोमणि’ पुरस्कार देने की घोषणा ‘जागरण जंक्शन’ द्वारा की गई |
घोषणा होते ही उसी दिन से विरुद्ध टिप्पणियाँ ‘जागरण जंक्शन’ पर पढ़ने को मिलीं | मैं ब्लॉगर मित्रों, टिप्पणीगत शब्दों, वाक्यों आदि का उल्लेख नहीं करना चाहता, किन्तु ऐसी टिप्पणियों ने मुझे आहत किया है और प्रतिभागिता के लिए पश्चात्ताप की भावना से ग्रस्त हो गया हूँ | काश ! मैंने भाग न लिया होता |
पर, मैं विश्वासपूर्वक स्पष्टीकरण के साथ घोषणा करता हूँ कि ‘जागरण जंक्शन परिवार’ से मेरी कोई जान-पहचान नहीं है और न ही उनके किसी सदस्य आदि से मेरा किसी तरह का सम्बन्ध है | फिर भी यदि किसी ब्लॉगर के मन में तनिक भी संदेह हो तो मैं उस संदेह को आखिर कैसे दूर करूँ ? इस घोषणा के अलावा मेरे पास कोई और उपाय भी तो नहीं !
हाँ, अच्छा हुआ, पुरस्कार अभी तक, मुझ तक पहुँचा नहीं है | बद अच्छा बदनाम बुरा से लाख अच्छा तो यही है कि यदि उस पुरस्कार को ‘जागरण जंक्शन’ द्वारा मेरे अतिरिक्त किन्हीं और भाई-बहन को प्रदान कर दिया जाए, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी | मेरे समस्त ब्लॉगर वन्धु मेरा यकीन करें — यह बात मैं दिल से कह रहा हूँ …हँसी-खुशी के साथ, सद्भावनाओं सहित |
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