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यही इरादा है मन में

अंतर्नाद
अंतर्नाद
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अटल संकल्प :

यही इरादा है मन में


नए साल के पहले दिन पर, यही इरादा है मन में

मेरे किसी काम से कोई, तनिक दुखी न हो जीवन में |


खाने-पीने, सोने-जगने,देह की ये दुनियादारी

ये सब तो आपे की दुनिया, जीने की दुनिया न्यारी |


जीवन की आपा-धापी में, इधर कुआँ उधर है खाई

अंधे हो-होकर आपस में, ऐसा क्या टकराना भाई |


अच्छा सोचें, अच्छा बोलें, व्यवहार करें अच्छा-अच्छा

बेटी-बहू किसी के घर की, निर्भय चले बिना अभिरक्षा |


आशाओं की बखिया उधड़ी,विश्वास बहुत ही टूट गए

फाँसी के फंदे कसे गए, फिर भी आँसू हैं नहीं गए |


अब भी तो बेटियों की खातिर, माँ-बाप का दिल रोता है

कातिल जगता अदालत में, जज घोड़े बेच के सोता है |


भोग-भोग ही क्या चिल्लाना, त्याग-भोग की राह चलें

अपना और सभी का जीवन, सब के हित की बात करें |


काम किसी के आ जाएँ, ऐसा हो सौभाग्य हमारा

किसी का बिगड़ा काम बने, पूरे मन से वारा-न्यारा |


रिश्ते-नाते छूट न जाएँ, लेना-देना प्यार-मुहब्बत

यह दुनिया प्यार की भूखी, प्यार-पगा इतबार-मुरव्वत |


कोई नहीं पराया जग में, सब में बस उसी की रग है

सब के सुख-दुःख में जीना, एक नूर से सब जगमग है |


समय नहीं रुकने वाला है, किया-धरा ही रह जाना है

जीवन का कल किसने देखा, बचा-खुचा निपटाना है |


बेटी की शादी है करनी, बेटे का है ब्याह रचाना

ईंट-ईंट से घर बनना है, द्वारे पर है पेड़ लगाना |


कुछ बेला, कुछ गेंदे होंगे, कुछ गुलाब, मोगरा, चमेली

बेल का पौधा एक किनारे, मीठी नीम एक अलबेली  |


घर के पेड़ मुहारा साजें, पौधों का सुख-चैन नजारा

बगिया महके अहसासों की, विश्वास-भरा प्यार-हजारा |


संतलाल करुण

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